Himachal Bus Accident

 


कुल्लू,। Himachal Bus Accident, कुल्लू जिले के सैंज में बस हादसा चालक की लापरवाही की वजह से हुआ है। भूस्‍खलन की वजह से चालक ने बस सड़क से कच्‍चे हिस्‍से पर उतार दी।

कच्‍चा हिस्‍सा धंसने से बस गिर गई। जिस स्थान पर यह हादसा हुआ वहां सड़क थोड़ी खराब थी।

गंतव्य तक पहुंचने की जल्दी में चालक ने यह गलती कर दी। सवारियों ने बस चालक को सड़क की हालत के बारे में चेताया था, लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी। वहीं उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बस हादसे पर गहरा शोक जताते हुए हादसे में मारे गए लोगों के स्वजनों को दो दो लाख रुपये व घायलों को 50-50 हजार रुपये की फौरी राहत राशि देने की घोषणा की है।

शांत वादियों में गूंज रहीं चीखें, बस में फंसे लोग और इधर-उधर बिखरे पड़े मृतकों के शव।

गहरी खाई से बचाओ बचाओ की आवाजें ही सुनाई दे रही थीं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के सैंज के शैंशर में सोमवार को बस हादसे के बाद कुछ ऐसा ही भयानक मंजर देखने को मिला। चीख-पुकार की आवाज सुनकर क्षेत्र के लोग दौड़े-दौड़े पहुंचे तो देखकर सभी दंग रह गए। जांगला गांव के पास बस सड़क से करीब 200 फीट नीचे खाई में गिरी थी।

वे भी यह खौफनाक मंजर देखकर सहम गए। इस भीषण सड़क हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई। दो लोग घायल हो गए। हादसे में कई घरों के चिराग बुझ गए। सोमवार सुबह करीब 8:30 बजे यह हादसा हुआ। सुबह करीब 8:50 बजे ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने इसकी सूचना प्रशासन और पुलिस को दी। सुबह 9:00 बजे ग्रामीण प्रशासन और पुलिस की मदद का इंतजार करते रहे। तीन घंटे तक यात्री बस में फंसे रहे। हर तरफ शव और घायलों का खून देकर हर कोई सहम उठा। हादसे की खबर सुनने के बाद सैंज से लेकर शैंशर तक मातम छा गया है। लारजी से लेकर शैंशर, शांघड़ व रैला आदि इलाके के कई लोग अपनों का हाल जानने के लिए जांगला घटनास्थल पर पहुंचे। घटनास्थल पर पहुंचकर हर किसी का दिल दहल गया।

पलटे खाने के बाद बस उलटी पड़ी थी, इस कारण लोगों को निकाला नहीं जा सका। बस में फंसे लोगों को निकालने का भरसक प्रयास किया गया, लेकिन एक भी सवारी को नहीं निकाल पाए। 10:30 पर 108 एंबुलेंस भी पहुंच गई, लेकिन बस उलटी पड़ी होने के कारण यात्रियों को निकालना मुश्किल था।

11:00 बजे कुल्लू और बंजार से स्वास्थ्य विभाग की टीमें पहुंचीं। बड़ी जेसीबी मशीन मौके पर आई, जिसकी सहायता से बस को सीधा किया गया और अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला गया। हमेशा की तरह शैंशर से कुल्लू आ रही निजी में 15 सवारियां मौजूद थीं, लेकिन चालक की लापरवाही से एक साथ कई मौतों से कोहराम मच गया। बताया जा रहा है कि बस करीब 13 साल पुरानी थी।

जांगला गांव के नजदीक हुए भूस्खलन के पास बस को निकालते वक्त वह पहाड़ी से होकर नीचे जा गिरी। जिस जगह हादसा हुआ, वह मार्ग भूस्खलन के चलते संकरा हो गया था। इस मार्ग पर न तो क्रैश बैरियर और न ही पैरापिट हैं। इस मार्ग पर अगर क्रैश बैरियर व पैरापिट होते तो कई लोगों की जानें बच जातीं।

बस चालक की हालत भी गंभीर बनी हुई है। वह कुछ भी कहने की हालत में नहीं है। परिचालक गोपाल ने कहा कि बस जब नीचे लुढ़की, तब उन्हें हादसे का एहसास हुआ। बताया जा रहा है कि जैसे ही बस ने सड़क से पलटा खाया तो कुछ सवारियां बाहर छिटक गई थीं। इनमें चालक, परिचालक और एक अन्य व्यक्ति था। लोनिवि ने इस सड़क का कुछ माह पूर्व टारिंग कर इसे पक्का किया है।

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