Gujarat Atal Pension Yojana

 


देश में संगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के भविष्य के लिए कानूनी प्रावधानों के तहत सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र की अनकों योजनाएं पहले से हैं। लेकिन, असंगठित क्षेत्र से जुड़े लोगों के भविष्य या उनकी रिटायरमेंट के बाद की सुरक्षा या आर्थिक लाभ के लिए पहले किसी ठोस कानून या योजना का अभाव था।

जिसकी वजह से ऐसे क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को वृद्धावस्था में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था। लेकिन, अब अटल पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र से जुड़े लाखों कामगारों का भी भविष्य सुनिश्चित और सुरक्षित कर रहा है। यह केंद्र सरकार की ओर से लागू की गई योजना है, जिसे 2015 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था।

गुजरात सरकार की कोशिशों से 92% लक्ष्य पूरा

गुजरात सरकार की ओर से नागरिकों को पेंशन योजना में शामिल होने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा अटल पेंशन योजना में लोगों को शामिल करने की कोशिशों का ही नतीजा है कि गुजरात में इसका 92 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। इसके अलावा राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र की ग्रामीण बैंकों द्वारा और भी योजनाएं शुरू की गई हैं।

अटल पेंशन योजना क्या है

अटल पेंशन योजना भारत के नागरिकों के लिए एक पेंशन योजना है, जिसका फोकस असंगठित क्षेत्र के कामगारों पर है। इस योजना के तहत 60 वर्ष की उम्र में लोगों को उनके योगदान के मुताबिक 1000, 2000, 3000, 4000 या 5000 रुपये मासिक न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी जाती है। इसके लिए 20 साल तक मासिक बचत करके नागरिक इसका लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए पात्र नागरिकों की उम्र 18 से लेकर 40 वर्ष निर्धारित है। लेकिन, पेंशन तभी मिलेगी जब वे 60 वर्ष का उम्र पूरी कर लेंगे। यदि उस व्यक्ति की मृत्यु 60 साल से पहले हो जाती है, तो यह राशि उसकी ओर से नामित व्यक्ति को दिए जाने की व्यवस्था है।

कैसे कर सकते हैं शुरुआत

अटल पेंशन योजना का लाभ लेने के इच्छुक नागरिक अपनी बैंक की शाखा से संपर्क करके इससे संबंधित फॉर्म भरकर इसकी शुरुआत कर सकते हैं। बैंक की ओर से फॉर्म स्वीकृत हो जाने के बाद हर महीने की निश्चित तारीख से तय की गई राशि ऑटो डेबिट हो जाती है।

बनास बैंक के निदेशक मावजीभाई ने कहा,

बैंकों द्वारा एक आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया जाना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी योजना से लाभांवित हों। योजना के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने और रिटायरमेंट के बाद वित्तीय कठिनाई को रोकने में यह योजना बहुत प्रभावी है

नागरिकों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की पहल

एक तरह से यह पेंशन योजना बचत योजना के समान है, जिसमें 40 साल की उम्र तक बचत करने के बाद, 60 वर्ष के होते ही आपको इसका फायदा मिलने लगता है। मतलब, जब लोगों के पास आय का कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा, तब भी वो हर महीने निर्धारित पेंशन राशि के जरिए आराम से अपना बाकी जीवन आराम से गुजार सकते हैं। प्रदेश के लोगों को केंद्र सरकार की कोशिशों का भरपूर लाभ मिले, इसके लिए राज्य सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है।

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