Fighter Jet Father Daughter Duo

 


एक पिता के लिए सबसे गौरवान्वित पल वो होता है, जब उसका बच्चा कोई बड़ा और अच्छा काम करता है। ऐसा ही एक कारनामा मंगलवार को सबके सामने आया, फर्क इतना था कि इस कारनामे पर सिर्फ पिता को ही नहीं बल्कि पूरे देश को गर्व हो रहा है।

पिता-पुत्री की एक जोड़ी ने इतिहास रच दिया है। बता दें कि वायु सेना की एक विज्ञप्ति के अनुसार, एयर कमोडोर संजय शर्मा और उनकी बेटी, फ्लाइंग आफिसर अनन्या शर्मा ने कर्नाटक के बीदर में एक हाक-132 विमान से एक साथ उड़ान भरी। यह उड़ान 30 मई को भरी गई थी। भारतीय वायुसेना के स्वर्णिम इतिहास में यह पल हमेशा के लिए कैद हो गया है, जो आने वाले समय में हर किसी को गौरवान्वित महसूस कराएगा।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई पिता-पुत्री की तस्वीर

वायुसेना का बयान-

वायुसेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि एयर कोमोडोर संजय शर्मा और उनकी बेटी फ्लाइंग आफिसर अनन्या शर्मा ने 30 मई को कर्नाटक के बीदर में हाक से उड़ान भरी थी। बयान में कहा गया है कि पिता-पुत्री की जोड़ी ने हाक-132 विमान के एक ही फार्मेशन में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है। वायुसेना ने अपने बयान में कहा, 'भारतीय वायुसेना के इतिहास में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है कि एक पिता और उनकी पुत्री किसी मिशन के लिए एक ही लड़ाकू विमान में उड़ान भरी हो। यह एक ऐसा मिशन था जहां एयर कोमोडोर संजय शर्मा और फ्लाइंग आफिसर अनन्या शर्मा सिर्फ एक पिता-पुत्री नहीं थीं। वे साथी भी थे, जिन्हें सहयोगी विंगमैन के रूप में एक-दूसरे पर पूरा भरोसा था।' अनन्या शर्मा इस समय बीदर में प्रशिक्षण ले रही हैं। प्रशिक्षण के बाद वह और भी उन्नत किस्म के लड़ाकू विमान उड़ाने की योग्य हो जाएंगी।

एयर कोमोडोर संजय शर्मा को लड़ाकू विमान उड़ाने का लंबा अनुभव एयर कोमोडोर संजय शर्मा 1989 में वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में भर्ती हुए थे। उन्हें मिग-21 स्कवाड्रन को कमांड करने के साथ ही अग्रिम मोर्चे के लड़ाई स्टेशन का नेतृत्व करने और विभिन्न लड़ाकू विमानों को उड़ाने का लंबा अनुभव है। वहीं, इलेक्ट्रानिक्स एवं कम्यूनिकेशन में बीटेक अनन्या दिसंबर 2021 में फाइटर पायलट के रूप में वायु सेना में भर्ती हुई थीं।

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