J & K G-20 Summit
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान अपने करीबी सहयोगियों चीन, तुर्की और सऊदी अरब से जम्मू-कश्मीर में होने वाले जी-20 बैठक का बहिष्कार करने के लिए संपर्क कर रहा है।
बता दें कि साल 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करने जा रहे भारत ने इसकी बैठक जम्मू-कश्मीर में करने का निर्णय लिया है। बैठक में 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे। पाकिस्तान चाहता है कि जी-20 देश भारत पर दबाव डालें कि वह जम्मू-कश्मीर में कार्यक्रम आयोजित नहीं करे। आधिकारिक सूत्रों ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि भारत के इस कदम को खारिज करने के बाद इस्लामाबाद अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए सभी G-20 देशों विशेष रूप से चीन, तुर्की और सऊदी अरब से संपर्क करेगा।
पाकिस्तान समिट को बहिष्कार करने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और जी20 के अन्य सदस्यों से भी बात करेगा। KK Venugopal: वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल 3 महीने और भारत के अटॉर्नी जनरल बने रहेंगे, केंद्र ने की थी गुजारिश बता दें कि जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तानी दुष्प्रचार को दुनिया के सामने बेनकाब करने के लिए भारत सरकार ने बड़ा फैसला किया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता करेगा। G20 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रतिनिधित्व का नेतृत्व 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।
ये देश समिट में होंगे शामिल 5 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 हटाने और राज्य के पुनर्गठन के बाद कश्मीर में ऐसा पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होगा। G-20 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) और यूनाइटेड किंगडम (UK) शामिल हैं। हाल ही में इसी साल मार्च में भारत ने जम्मू-कश्मीर में खाड़ी देशों के एक निवेश सम्मेलन की मेजबानी की थी। इस शिखर सम्मेलन में UAE और हॉलैंड सहित विभिन्न देशों के उद्योगपति और सीईओ मौजूद थे। इस कार्यक्रम में 36 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। 5 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में होने वाली जी-20 बैठकों के समग्र समन्वय के लिए एक 5 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की है। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि आवास एवं शहरी विकास के प्रधान सचिव समिति का नेतृत्व करेंगे, जिसका गठन विदेश मंत्रालय के 4 जून के पत्र के बाद किया गया है।
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